ऑपरेशन ग्रीन योजना 2022 | Operation Green कोरोना काल में लगे लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह हिला दिया है. देश में खाने पीने से लेकर, सभी सामानों, गाड़ियों, सोना-चांदी के दाम दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है. किसान दिन भर मेहनत करके खेती करते है, लेकिन देश में आर्थिक स्थति ख़राब होने से उन्हें फल, सब्जी की सही कीमत नहीं मिल पा रही है. कई जगह तो उनकी फसल लॉकडाउन की वजह से बिक नहीं पाई और ख़राब भी हो गई. सरकार ने किसानों को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए पहले शुरू की गई ऑपरेशन ग्रीन के दायरे को बढ़ाकर, इसका अधिक फायदा किसानों को देने की घोषणा की है. अब इसमें कई तरह के फल, सब्जी को जोड़ दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका फायदा मिले. चलिए विस्तार से जानते है कि सरकार ने ऑपरेशन में क्या बदलाव किया है, किसानों को किस तरह इससे लाभ मिलेगा.
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ऑपरेशन ग्रीन क्या है
अभी तक ऑपरेशन ग्रीन में सरकार द्वारा आलू प्याज एवं टमाटर को रखा गया था. इस सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन शुरू किया था. सरकार का मुख्य उद्देश्य था कि इन सब्जियों के उत्पादन की सही कीमत किसानों को मिल सके. किसानों को इसके रख-रखाव और ट्रांस्फोर्ट के लिए भी सरकार आर्थिक मदद करती है.
ऑपरेशन ग्रीन का उद्देश्य
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए ऑपरेशन ग्रीन योजना 2021 का मुख्य उद्देश्य टॉप प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। ऑपरेशन ग्रीन का शुभारंभ उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई 2001 से किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न कृषि उत्पादक संगठन के साथ-साथ कृषि परिषद प्रसंस्करण सुविधाएं और पेशेवर प्रबंधनों को भी प्रोत्साहित करने का काम किया जाएगा। इस योजना का लाभ बृहद पैमाने पर किसानों को दिया जाएगा जिसमें 22 नए कृषि उत्पादों को शामिल करने का ऐलान भी किया गया है हालांकि अब तक इस योजना में केवल टमाटर प्याज और आलू ही शामिल किए गए थे।
लांच तारीख | सन 2018-19 |
विभाग | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय |
लास्ट डेट | सन 2022 |
ऑनलाइन पोर्टल | क्लिक करें |
हेल्पलाइन नंबर | 011-26406557, 26406545, 9311894002 |
ऑपरेशन ग्रीन योजना मुख्य लाभ
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन ग्रीन का शुभारंभ कर दिया गया है जिसके कुछ मुख्य लाभ किसानों को इस प्रकार दिए जाएंगे:-
- मॉनसून या फिर प्राकृतिक आपदा की वजह से जिन किसानों की फसल खराब हो गई है उन्हें किसी तरह की क्षति पहुंची है तो उन्हें इस योजना के तहत सहायता दी जाएगी।
- इस योजना का सबसे बड़ा लाभ किसानों को यह प्राप्त होगा कि उन्हें अपनी कोई भी फसल कम कीमत पर बेचना नहीं पड़ेगा।
- इस योजना की मदद से फसल के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकने में सहायता मिलेगी जिससे किसान सही कीमत में खेती के लिए बिजवाई खरीद पाएंगे।
- देश में आलू टमाटर और प्याज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए और किसानों की आय में दुगनी बढ़ोतरी करने के लिए सरकार ने इस योजना को साल 2022 तक के दिशा निर्देशों पर लागू कर दिया है।
- इस योजना के तहत टॉप उत्पादन क्लस्टर और एफपीओ को भी सुदृढ़ और उन्हें बाजार से जोड़ने का काम किया जाएगा जिसमें किसी भी मध्य व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होगा। और इसी कारण किसानों द्वारा उत्पादित फसलों की कीमत में वृद्धि नहीं होगी और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम भी मिल पाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत किसानों के लिए 470 से अधिक ऑनलाइन कृषि सेवा केंद्र शीघ्र ही प्रारंभ कर दिए जाएंगे।
- किसानों की पहुंच आसानी से बाजार तक हो सके इस बात को ध्यान में रखते हुए भी इस योजना के अंतर्गत 22000 नई कृषि मंडियों का विकास किया जाएगा।
- इस योजना में संपूर्ण श्रंखला तैयार की जाएगी जो समय समय पर आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए और किसानों को राहत के लिए जलवायु संबंधित जानकारी प्रदान करेगी।
- किसानों को संपूर्ण सहायता और उपलब्धता पहुंचाने के लिए इस योजना का क्रियान्वयन बहुत तेजी से किया जा रहा है जिसके लिए बजट का बहुत बड़ा हिस्सा दिया गया है।
ऑपरेशन ग्रीन में हुआ बदलाव
सरकार ने कोरोना महामारी काल की गंभीरता को देखते हुए ऑपरेशन ग्रीन में अब टमाटर, प्याज और आलू के अलावा दूसरी सब्जी और फल को भी इसमें जोड़ने की घोषणा की है. किसानों को आर्थिक नुकसान से बाहर निकालने के उद्देश्य से यह बदलाव हुआ है. कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण आज भी कई किसान एक जगह से दूसरी जगह अपने फल,सब्जी को नहीं ले जा पा रहे है. परिवहन सेवा सरकारी तौर पर बंद है, प्राइवेट वाहन को किसानों को बहुत अधिक खर्च उठाना पड़ रहा है. सरकार ऐसे किसानों की मदद के लिए यह स्कीम लेकर आई है. लॉकडाउन के समय कई जगह किसानों की फसल बड़े तौर पर बर्बाद हुई है, कहीं-कहीं तो वे कम दर में बेचने में मजबूर थे, कई जगह फसल कटाई के बाद फसल रखे-रखे ख़राब हो गई. इन सभी हानियों की कुछ हद तक भरपाई के लिए ऑपरेशन ग्रीन को नए तरह से सरकार शुरू कर रही है.
ऑपरेशन ग्रीन के अंतर्गत मिलेगा 50% का अनुदान
ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत किसान अब अपनी फसल, फल, सब्जी को एक जगह से दुसरे जगह बेचने के लिए अगर लेकर जाते है तो उन्हें परिवहन सेवा में सरकार अब 50 प्रतिशत का अनुदान देगी. मतलब अब किसान अपनी फसल को कम खर्चे में दूसरी जगह बेचने ले जा सकते है, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा होगा. इसके साथ ही जिन फसलों का भंडारण करना है उन्हें शीतगृह भण्डारण में फसल रखने के लिए 50 प्रतिशत का भी अनुदान दिया जायेगा. शीतगृह भण्डारण बनाने के लिए 50 % का खर्चा सरकार उठाएगी. सरकार ऑपरेशन ग्रीन के तहत अब किसानों को सब्जी, फल के परिवहन और भंडारण के लिए 50 प्रतिशन की सब्सिडी देगी.
ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत आने वाले राज्य
फिलहाल कुछ राज्यों में ही ऑपरेशन ग्रीन योजना को क्रियान्वित किया गया है परंतु साल 2021 में इस योजना को अपडेट कर के घोषित किया गया है जिसमें नीचे दिए गए राज्यों की सूची को भी जल्द ही शामिल कर लिया जाएगा। इन राज्यों में इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने हाल ही में बजट की घोषणा की है।
टमाटर उत्पादक राज्य –
- आंध्र प्रदेश
- कर्नाटक
- ओडिशा
- गुजरात
- तेलंगाना
प्याज उत्पादक राज्य –
- महाराष्ट्र
- कर्नाटक
- गुजरात
आलू उत्पादक राज्य –
- बिहार
- उत्तर प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
- गुजरात
- मध्य प्रदेश
इन सबके अलावा पंजाब राज्य को प्रोडक्शन क्लस्टर क्षेत्र बताया गया है।
Beneficiaries)
- किसान उत्पादक संगठन एवं संस्था
- खाद्य प्रसंस्करण
- सहकारी समिति
- व्यक्तिगत किसान
- निर्यातक राज्य विपरण
आदि जो भी लोग सब्जी एवं फलों के उत्पादन या प्रसंस्करण कार्य में लगे है उन्हें इस योजना का पात्र माना जायेगा.
ऑपरेशन ग्रीन योजना आवेदन दस्तावेज (Documents)
- जो भी व्यक्ति इस योजना के लिए आवेदन करना चाहेगा उसे जरुरी है कि वो अपना आधार कार्ड जमा करे.
- आवेदक को आवेदन के समय अपने स्थाई पता का प्रूफ भी देना अनिवार्य होगा, इसके लिए वो बिजली का बिल, वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट के कागज जमा कर सकता है.
- आवेदक को अपना पैन कार्ड भी दिखाना अनिवार्य होगा.
- आवेदक को अपना चालू मोबाइल नंबर भी शेयर करना अनिवार्य होगा, क्यूंकि आगे आवेदन की सारी जानकारी आपको मेसेज द्वारा अधिकारी देंगें.
ऑपरेशन ग्रीन योजना ऑनलाइन आवेदन (How to Apply)
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा इस योजना को लांच किया गया है, साथ ही इसका क्रियान्वन भी इसी मंत्रालय द्वारा होगा. अधिकारियों ने बताया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की साईट में जाकर आवेदन किया जा सकता है.
- आवेदक को सबसे पहले खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ऑफिसियल साईट में जाना होगा.
- यहाँ आपको ऑपरेशन ग्रीन के तहत सब्सिडी के आवेदन के लिए फॉर्म दिखाई देगा.
- फॉर्म में आपसे कई तरह की जानकारी पूछी जाएगी, जिसे आप सही-सही भरकर फॉर्म को सबमिट कर दें.
ऑपरेशन ग्रीन योजना हेल्पलाइन नंबर
ऑपरेशन ग्रीन से संबंधित कोई भी जानकारी या शिकायत किसी भी किसान को कभी भी हो सकती है। किसानों के लिए उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए ही ऑपरेशन ग्रीन का शुभारंभ किया गया है इसलिए इस योजना से संबंधित हेल्पलाइन नंबर आपको नीचे दिए गए हैं।
हेल्पलाइन नंबर- 011 2640 6557, 2640 6545, 93118 94002
support-fpi@nic.in
011 2649 2217, 2640 6557
ऊपर बताए गए किसी भी नंबर पर आप सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर के 1:00 बजे तक और दोपहर 1:30 से लेकर शाम 5:30 तक फोन कर सकते हैं. इन नंबरों पर आप सोमवार से लेकर शुक्रवार तक कॉल कर सकते हैं और सार्वजनिक अवकाश हो पर भी कॉल नहीं कर सकते हैं.
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